उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नई भर्ती का इंतजार खत्म होने वाला है। राज्य सरकार ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी, पीजीटी, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 23 हजार से अधिक पदों को भरने की तैयारी शुरू कर दी है। इस भर्ती को UPESSC UP TGT PGT Recruitment 2025 के नाम से जाना जाएगा। शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) को इसके लिए अधियाचन भेजे जा चुके हैं। फिलहाल 71 जिलों से रिक्त पदों की संख्या मिल चुकी है, जबकि बाकी जिलों की रिपोर्ट आने के बाद यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।
UPESSC UP TGT PGT Recruitment 2025 कितनी होगी कुल वैकेंसी
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, अब तक 22,201 रिक्त पदों की पुष्टि हो चुकी है। गाजीपुर समेत चार जिलों की रिपोर्ट आने पर यह आंकड़ा 23 हजार के पार जा सकता है। इनमें प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT), प्रवक्ता (PGT), प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के पद शामिल हैं। यह भर्ती माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ी भर्ती मानी जा रही है। इससे न केवल शिक्षकों को रोजगार मिलेगा बल्कि लंबे समय से खाली पड़े स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था भी मजबूत होगी।
कैसे चल रही है भर्ती की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को नई भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए निर्देश मिल चुके हैं। आयोग का पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां से उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे। जैसे ही पोर्टल एक्टिव होगा, शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी रिक्त पदों का डाटा अपलोड किया जाएगा। उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक-3) डॉ. ब्रजेश मिश्र ने सभी डीआईओएस को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले के रिक्त पदों की सही-सही जानकारी प्रमाणपत्र सहित भेजें, ताकि भर्ती में कोई गलती न हो।
संबद्धीकरण खत्म होने पर मांगी जानकारी
21 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा ने एक बड़ा आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक, जिन विद्यालयों का संबद्धीकरण बिना शासन की अनुमति के बढ़ाया गया था, उनके आदेश तत्काल निरस्त करने और संबंधित शिक्षकों को उनकी मूल तैनाती पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश का असर कई शिक्षकों पर पड़ सकता है, क्योंकि संबद्धीकरण खत्म होने से कुछ पद अस्थायी तौर पर रिक्त हो सकते हैं। इसलिए सरकार अब इन पदों की स्थिति स्पष्ट कर रही है, ताकि भर्ती प्रक्रिया प्रभावित न हो।
बीएड शिक्षकों की नौकरी पर संकट
UPESSC UP TGT PGT Recruitment 2025 की प्रक्रिया के बीच एक और बड़ा मुद्दा सामने आया है। प्राथमिक स्कूलों में बीएड के आधार पर चयनित करीब 30 हजार शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इन शिक्षकों को छह महीने का ब्रिज कोर्स करना जरूरी कर दिया गया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि जो भी शिक्षक 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त हुए हैं, उन्हें एक साल के भीतर यह कोर्स पूरा करना होगा, वरना उनकी नियुक्ति अमान्य मानी जाएगी।
ब्रिज कोर्स को लेकर संशय
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था कि एक से 15 नवंबर तक प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और एक दिसंबर से ब्रिज कोर्स शुरू होगा। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने 15 अक्टूबर को एनआईओएस के जरिए प्रशिक्षण शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन यह मामला अभी शासन स्तर पर अटका हुआ है। इस देरी की वजह से शिक्षकों में भारी असमंजस की स्थिति है।
एनआईओएस का सर्टिफिकेट कोर्स मान्यता प्राप्त
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा शुरू किए गए प्राथमिक शिक्षा में छह महीने के प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 2 जुलाई 2025 को मान्यता दी है। यह कोर्स उन बीएड शिक्षकों के लिए जरूरी है जो प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ा रहे हैं। कोर्स पूरा करने के बाद ही उनकी नौकरी स्थायी रूप से सुरक्षित मानी जाएगी। शिक्षा विभाग की कोशिश है कि प्रशिक्षण प्रक्रिया समय पर शुरू की जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो सके।
Conclusion
UPESSC UP TGT PGT Recruitment 2025 यूपी के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है। करीब 23 हजार शिक्षकों की भर्ती से शिक्षा व्यवस्था को नई ताकत मिलेगी। हालांकि बीएड शिक्षकों के ब्रिज कोर्स का मामला फिलहाल अटका हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सरकार इस पर फैसला लेगी। अगर आप भी शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आने वाले हफ्तों में आयोग की वेबसाइट पर नजर बनाए रखें। जैसे ही पोर्टल शुरू होगा, आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और यूपी के स्कूलों में नई उम्मीद की किरण जलेगी।
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